Gold Rate War Connection: दुनिया मे कही युद्ध के हालत हो या कोरोना महामारी जैसा दौर, एक और शेयर बाज़ारो मे ऐसे समय मे गिरावट देखने को मिलती है, तो वहीं सोने की कीमतों मे बढ़ोत्तरी होती है, ईरान-इजरायल युद्ध के दौरान भी ऐसी स्थिती बनी हुई है।
दुनिया मे जब भी कही युद्ध की स्थिति बनती है या फिर कोई अन्य आपदा आती है तो ऐसे समय मे दो चीजे साफ देखने को मिलती है, एक शेयर बाज़ारो मे गिरावट होती है, तो दूसरी ओर सोने की कीमतों मे तेजी आती है, लेकिन क्या आप जानते है की आखिर क्या है युद्ध और सोने की कीमतों मे बढ़ोत्तरी का कनेक्शन? आइये समझते है?
ईरान-इजरायल युद्ध मे भी चमका सोना
बीते मंगलवार को जब ईरान ने इजरायल पर मिसाइल अटैक करते हुए ताबड़तोड़ 180 मिसाइले फेकी तो उसके बाद इजरायल ने भी करारा जवाब देने का ऐलान किया, जिस कारण दुनियाभर मे तनाव बढ़ गया। जिस कारण क्रूड ऑयल के दाम अचानक 5 फीसदी तक उछला गए तो वही सोने की कीमत मे भी तगड़ा उछाल देखने को मिला।
शुक्रवार की बात करें तो घरेलू मार्केट मे 24 कैरेट सोना सुबह गुरुवार के 75615 रुपये प्रति 10 ग्राम की तुलना में बढ़कर 76082 रुपये पर पहुंच गया था।
इनवेस्टमेंट का सबसे सरल और सुरक्षित तरीका गोलड
अगर बाते करे युद्ध या फिर किसी तरह के भू-राजनीतिक तनाव के हालात में सोने का भाव क्यों बढ़ता है? तो इसके कई कारण है और इनमे सबसे अहम है की लोग इसे सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के तौर पर देखते हैं जब भी दुनिया में कोई संकट आता है, तो न सिर्फ आम लोग, बल्कि सरकारें भी सोना खरीदने में जुट जाती हैं जिस कारण बढ़ती डिमांड को देखते हुए सोने के भाव मे बढ़ोत्तरी होने लगती है।
एक्सपर्ट्स क्या कहते है?
एक्सपर्ट्स का कहना है की निवेशको के सोने की ओर आकर्षित होने का मुख्य कारण महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता की स्थिति में बचाव के रूप में इसकी बड़ी भूमिका होना है। महंगाई के चलते पारंपरिक करेंसियां सुस्त पड़ जाती हैं, जिससे निश्चित आय वाले निवेश कम आकर्षक हो जाते हैं। लेकिन इस स्थिति मे भी सोना अपना मूल्य बनायें रखता है, जिससे निवेशको की संपत्ति सुरक्षित रहती है।